Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

गुरुवार, 3 जून 2010

सत्ता

हो रहा है आदमी हलाल देखिये
खा रहे हैं नोच कर दलाल देखिये,

चाटते  मलाई जो सत्ता में आ गए
आ न सके उनका मलाल देखिये,

सौ करोड़ लोग पसीना बहा रहे
पांच  सौ* का इत्र का रूमाल देखिये,

खून में सना है जो सीमा पे मर गया
टी वी पे मंत्रियों का जलाल देखिये .

(* सांसद)

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