वक़्त पे जो काम आ गया वो मित्र है, 
वर्ना एल्बम में लगा बस एक चित्र है ।
पाप है जो दूसरों को कष्ट दे रहा 
दे सके जो मुस्कुराहटें पवित्र है  । 
छल कपट के बाग़ में दुर्गन्ध है भरी 
मेहनतों के खेत का पसीना इत्र   है  । 
झूठ, पाप, छल कपट तो आम बात है 
आजकल ईमान धर्म ही विचित्र है  ।
 
 
bahoot sahi hai.aapke kavita man ko chho jate hai
जवाब देंहटाएं