कैसे भूलूँ मैं उन्हें यादों से ना जाये वो दिन ,
कैसे बिसराऊँ उन्हें दिल में समाये हैं वो दिन
एक एक पल तो सजा है , दिल के दरवाजों पे यूँ
जैसे दिवाली के दीपक जगमगाए हैं वो दिन
भीड़ में तो फिर कभी खो जाते बच्चों की तरह
पर अकेले में हमें छाती लगाये हैं वो दिन
कितना रीता सा मैं हो जाऊँगा गर ये ना मिले
मेरे घर आते रहेंगे बिन बुलाये से वो दिन
Lovely ......... How do you find words to express so well !!!
जवाब देंहटाएं