मैंने यहाँ खुला रख छोड़ा है , अपने मन का दरवाजा! जो कुछ मन में होता है , सब लिख डालता हूँ शब्दों में , जो बन जाती है कविता! मुझे जानना हो तो पढ़िए मेरी कवितायेँ !
Mahendra Arya
The Poet
बुधवार, 6 जुलाई 2022
मित्रों , आज पेश करता हूँ , मैं एक नयी श्रृंखला - गुलदस्ता। हर अंक में मेरी कुछ कवितायेँ आप सुनेंगे - मुझसे ही ! निःसंकोच अपनी प्रतक्रिया लिखियेगा !
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