मित्र !
क्या कर रहे हो?
खाली बैठे-
यूँ धुंए के छल्ले बना कर
होठों को गोल करके
हवा में छोड़ रहे हो
हर छल्ला जैसे जैसे आगे बढ़ता है
फैलता जाता है
उसने कहा
किलिंग टाइम ....
उदास हूँ
मैंने पूछा
किलिंग टाइम
यानि समय का शिकार
बहुत खूब मित्र
तुम समय का शिकार कर रहे हो
या समय तुम्हारा शिकार कर रहा है
यू आर किलिंग योर सेल्फ
खुद को मार रहे हो
झुंझला कर बोला मित्र
तुम्हे क्या ?
खुद को ही मार रहा हूँ ना '
तुम्हे तो नहीं मार रहा ना ?
मुझे ?
मुझे तो तुम अपने आप से पहले मार रहे हो
ये जो है ना तुम्हारा छल्ला
ये मेरी तरफ आते आते
बन जाता है
फांसी का एक फंदा
जिसमे मैं
ना चाहते हुए भी
लटक जाता हूँ
क्योंकि तुम्हारा मित्र हूँ
इसके पहले कि
समय के शिकार कि जगह
तुम मेरा शिकार करो
मैं चलता हूँ, मित्र
अपना खयाल रखना
hmmm Passive smoking me bada jaandar likha aapne............bahut khubsurat rachna......:)
जवाब देंहटाएंwah badhiya hai, aaj parichay hua aapki kala se, bahut shubhakamanayen !
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा!
जवाब देंहटाएंसही है! कौन किसका शिकार कर रहा है.... अच्छे से बताया है आपने!
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फिल्लौर फ़िल्म फेस्टिवल!!!!!
बढ़िया कविता, बधाई
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