पचास वर्ष जीवन के यूँ बीत गए
पचास वर्ष जीवन के जैसे मिल गए
जो बीत गया वो था समय का बहाव
जो मिल गया वो है जीवन - स्वभाव
चला गया बचपन के खेलों का कल
मिल गए उन खेलों की यादों के पल
वो दिन जब स्कूल का चढ़ता बुखार
ये दिन - उन दिनों का है जैसे कर्जदार
चली गयी बचपन की वो जिद्दें हजार
वो माँ का मनाना और बापू की मार
अमूल्य निधि बन गयी वो माँ की मनुहार
जीवन बदल गयी पिता की फटकार
दर्पण में खुद को लखना और जुल्फें बनाना
वो हीरो सा दिखना , जरा गुनगुनाना
वो दोस्तों के बीच में फ़साने सुनाना
सच्ची झूठी बातों की मिर्ची लगाना
है दर्पण वही लेकिन हीरो नहीं है
थोडा ढल गया लेकिन जीरो नहीं है
हैं जुल्फें वही पर सफेदी मिली है
होठों पे मुस्कान यूँ ही खिली है
वो माँ बाप का देख लड़की को आना
बिना कुछ कहे जाके फेरे कराना
वो लड़की तो अब बन गयी जिंदगी है
मेरी हर ख़ुशी है मेरी बंदगी है
वो बचपन नहीं छूट जाता कहीं भी
वो बच्चों के संग लौट आता अभी भी
जीवन नहीं बीत जाता समय संग
वो लौटा है फिर से जरा सा बदल रंग
पचास वर्ष जीवन के जैसे मिल गए
जो बीत गया वो था समय का बहाव
जो मिल गया वो है जीवन - स्वभाव
चला गया बचपन के खेलों का कल
मिल गए उन खेलों की यादों के पल
वो दिन जब स्कूल का चढ़ता बुखार
ये दिन - उन दिनों का है जैसे कर्जदार
चली गयी बचपन की वो जिद्दें हजार
वो माँ का मनाना और बापू की मार
अमूल्य निधि बन गयी वो माँ की मनुहार
जीवन बदल गयी पिता की फटकार
दर्पण में खुद को लखना और जुल्फें बनाना
वो हीरो सा दिखना , जरा गुनगुनाना
वो दोस्तों के बीच में फ़साने सुनाना
सच्ची झूठी बातों की मिर्ची लगाना
है दर्पण वही लेकिन हीरो नहीं है
थोडा ढल गया लेकिन जीरो नहीं है
हैं जुल्फें वही पर सफेदी मिली है
होठों पे मुस्कान यूँ ही खिली है
वो माँ बाप का देख लड़की को आना
बिना कुछ कहे जाके फेरे कराना
वो लड़की तो अब बन गयी जिंदगी है
मेरी हर ख़ुशी है मेरी बंदगी है
वो बचपन नहीं छूट जाता कहीं भी
वो बच्चों के संग लौट आता अभी भी
जीवन नहीं बीत जाता समय संग
वो लौटा है फिर से जरा सा बदल रंग
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