तुम कौन हो ?
तुम साधु हो या संत हो
तुम आदि हो या अंत हो
तुम देश हो परदेस हो
तुम शांत , अग्निवेश हो
तुम कौन हो ?
तुम शत्रुओं का काल हो
पापी को महाकाल हो
तुम सरल हो तुम जटिल हो
डरता है वो जो कुटिल हो
तुम कौन हो ?
भारत के तुम सरदार हो
पर इतने असरदार हो
है विश्व तुमको जानता
और गुरु तुमको मानता
तुम कौन हो ?
इंसान हो या देव हो
परमात्मा स्वयमेव हो
हिंदुत्व की पहचान हो
मानवता का सन्मान हो
तुम कौन हो ?
तुम युद्ध में क्या मुखर हो !
तुम अग्नि हो तुम प्रखर हो
पर शांति में तुम शांत हो
गंभीर तुम प्रशांत हो
तुम कौन हो !
जब देश गणना में लगा
भविष्य बुनने में लगा
चुपचाप उठ कर चल दिए
बस आत्म चिंतन के लिए
तुम कौन हो !
विष गरल पीकर मौन हो
है
देश तुमसे पूछता
तुम कौन हो ?
तुम कौन हो ?