रोज़ की तरह आज फिर सुबह तुम
बाथरूम के कमोड पर बैठकर
यू ट्यूब पर देख रहें हो
युद्घ काल में इतनी बेफिक्री
तुम्हे कोई डर नहीं
कोई धमाका तुम्हारे घर भी तो हो सकता था
लेकिन तुम्हें विश्वास है
ऐसा कुछ होगा नहीं!
और उस विश्वास का कारण?
तुम कहोगे
हमारी शूर वीर सेना
बिलकुल सही है
लेकिन सेना तो पहले भी थी!
ऐसा आत्मविश्वास कहाँ था?
कब किया किसी आतंकवाद पर
ऐसा घोर प्रतिकार
बहाना था -
उनके पास परमाणु हथियार है
और थी बडी बडी दर्शन की बातें
'युद्ध किसी समस्या का हल नहीं '
'कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे
तो दूसरा आगे कर दो '
हमने कायरता की घुट्टी पी थी
और बहादुरी से छुट्टी ली थीं
हमें सैनिकों का पत्थर खाना मंजूर था
सैनिकों के कटे हुये सर आना मंजूर था
हमारा खून नहीं खौलता था
हमारा रक्षा मंत्री कुछ नहीं बोलता था
ये था सेना का मनोबल
मार खाते रहो लेकिन उफ्फ ना करो
बचे इसलिए रहे
क्योंकि सेना का मनोबल गिरा था
चरित्र नहीं
चरित्र भ्रष्ट था उनका
जो सेना के लिये हथियार खरीदते थे
हर रक्षा सौदे में मोटी दलाली
चाहे तोप हो या हेलिकाप्टर
या फिर सियाचिन की सर्दी से लड़ने के
जूते और कपड़े!
बिचौलिए ही निर्णायक थे कि
सेना के लिये क्या लेना है!
इसमे सेना का क्या लेना देना है!
देश बदला
जब एक शेर आया
जिसने देश का दर्शन बदला
ना खाऊंगा ना खाने दूँगा
देश के हथियार देश मे बनेंगे
सेना को सारा प्रोत्साहन
हर रूप से मिलेगा
जब सारा देश सुख से
अपने घर पर दिवाली मनाता है
वो पिछले दस सालों से
सीमा पर मनाता है
देश के सिपाही के लिये मिठाई ले जाता है
और ले जाता है पिता तुल्य स्नेह
और थपथपाकर उसकी पीठ
कहता है
तुम अकेले नहीं मेरे दोस्त!
आज विश्व देख रहा है
इस बदले हुये भारत के तेवर
हम युद्ध नहीं चाहते
लेकिन आतंकवाद भी नहीं होने देंगे
आतंकवाद तुम्हारी तरफ से
युद्ध की घोषणा होगी
तुम्हारी गोली का ज़वाब होगा
हमारा गोला!
उसने हाथ खोल दिये सेना के
हर हमला तुम्हारा निर्णय होगा
सहम गया है विश्व
क्या अमरीका क्या चीन
ये हुंकार सुनकर -
परमाणु हथियार की
गीदड़ भभकी नहीं चलेगी!
वो बैठा है -
इसीलिए तुम्हारे लिये
युद्ध - कोई युद्ध नहीं है
एक आई पी एल का खेल है!
धन्यवाद करो ईश्वर का
ऐसा एक चौकीदार इस देश को देने के लिये!
जय हिन्द! जय हिन्द की सेना!
जय हमारा लाडला चौकीदार!
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