चंद्र यान ३
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इसरो,
क्या खूब बनाया तुमने
ये चंद्र यान ३
जो पहुंचा
इस धरती माँ की गोद से निकल
अढाई लाख मीलों का सफर तय कर के
अपनी ननिहाल
और सवार हो गया कंधो पर
अपने चंदा मामा के
धरती हो गयी निहाल
ना जाने क्या क्या लायेगा
ननिहाल से
कैसे कैसे उपहार
जो भला करेंगे पूरी मानवता का
हम करते बाँहें पसारे इंतेजार
वो जन्मदाता इस यान के
कुछ साधारण से लगने वाले
असाधारण भारतीय
अथक प्रयास
और लक्ष्य पर विश्वास
बस यही मूल मंत्र
था खास
और था ईश्वर पर विश्वास!
प्रणाम ऐसे वैज्ञानिकों को
जिन्होंने हमें कराया
अपनी शक्ति का आभाष!
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