काल समूचा दिवस रात्रि में बंट जाता है
सोचो आधा जीवन सोने में जाता है !
आधा जीवन गुजरा बचपन और बुढ़ापा
कर्म के लिए चौथाई जीवन आता है !
आधा जीवन आधे मन से अगर जिया तो
आधे का आधा जीवन ही रह जाता है !
जीवन में यदि मित्र बना पाए न कोई
मीत बिना जीवन फिर आधा हो जाता है !
दुनिया रखे - याद किया न कुछ भी ऐसा
क्या पूरा क्या आधा - बस आता जाता है !
सोचो आधा जीवन सोने में जाता है !
आधा जीवन गुजरा बचपन और बुढ़ापा
कर्म के लिए चौथाई जीवन आता है !
आधा जीवन आधे मन से अगर जिया तो
आधे का आधा जीवन ही रह जाता है !
जीवन में यदि मित्र बना पाए न कोई
मीत बिना जीवन फिर आधा हो जाता है !
दुनिया रखे - याद किया न कुछ भी ऐसा
क्या पूरा क्या आधा - बस आता जाता है !