भगवान की दुनिया में इंसान कुछ नहीं
इंसान की तो छोडिये , भगवान कुछ नहीं 
धनवान की है शोहरत धनवान की है इज्जत 
विद्वान कुछ नहीं यहाँ , गुणवान कुछ नहीं 
"अतिथि देवो भव" जिस देश का चलन था 
घर आज कोई आया मेहमान कुछ नहीं 
पैसा मिले तो पंडित, पैसा मिले तो पूजा 
पैसा नहीं हो पास तो जजमान कुछ नहीं 
कन्या बहुत है सुन्दर, कन्या पढ़ी लिखी है 
जो दहेज़ न मिले तो , खानदान कुछ नहीं
 
 
बहुत अच्छी प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंश्री दुर्गाष्टमी की बधाई !!!