एक बरस और बीत गया
जीवन का घट थोडा और रीत गया
भागता समय ऐसे . एक एक क्षण जैसे
आँखों के आगे से बन अतीत गया
एक बरस और बीत गया
कुछ खट्टी, कुछ मीठी , परतें हैं जीवन की
हार कर गया कोई , कोई जीत गया
एक बरस और बीत गया
जाने पहचाने से, अपने अनजाने से
मिल कर परायों सा कोई मीत गया
एक बरस और बीत गया
मरते हम दिन दिन है ,जीते हम गिन गिन हैं
सांसों की गिनती का एक गीत गया
एक बरस और बीत गया
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