इक दौर वो भी गुजर
गया ,
इक दौर ये भी जायेगा
न वो टिक सका , न वो रुक सका 
अब ये भी न टिक
पायेगा !
तब हम भी कुछ नादान
थे 
कुछ ये भी था  अनजाना 
सा 
अब हम भी हैं कुछ
होशियार 
कुछ ये भी है पहचाना
सा !
जीवन बड़ा अनमोल है 
इसको जतन से
संभालिये 
जीवन रहा तो करेंगे
सब 
बाहर कदम न निकालिये
!

 
 
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