Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

शनिवार, 20 जून 2015

योग आखिर क्या है













योग कोई  धर्म नहीं
योग कांड  कर्म नहीं
योग अर्चना नहीं
योग वंदना नहीं !

योग सीमित भी  नहीं
योग परिमित भी नहीं
योग देश का नहीं
योग परदेस का नहीं !

योग सृष्टि ज्ञान है
योग मानव गान है
योग एक साधना
योग तन आराधना !

योग तन नैरोग्य है 
योग तो आरोग्य है
योग तन का स्वास्थ्य है
योग मन का स्वास्थ्य है !

योग जीने की कला
योग साधन श्रृंखला
योग नित्य कर्म है
योग स्वास्थ मर्म है !

स्वास लेने की कला
स्वास तजने की कला
योग स्वच्छ रक्त है
योग रोग मुक्त है !

आत्म साथ  योग है
आत्मसात योग है
स्वयं साध्य योग है
स्व-आराध्य योग है !






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