राजनीति और क्रिकेट
दोनों में कितनी समानताएं हैं
दोनों ही खेल हैं
जो खिलाडी खेलते हैं
और जनता देखती है
दोनों में ही भ्रष्टाचार है
भाई भतीजावाद ही नहीं
जमाइवाद भी है
दोनों में ही
भीड़ जुटना लोकप्रियता का माप है
दोनों का ही आँखों देखा हाल -
साल भर प्रसारित होता है
दोनों में ही सिनिअर और जूनियर होते हैं
दोनों में ही विरोधी पक्ष अपील करता रहता है
दोनों ही देश के लिए समर्पित होते हैं
लेकिन मौका मिलते ही देश को लूटते हैं
दोनों में ही चुनाव में घोटाला है
दोनों में ही विदेशियों का बोलबाला है
दोनों में ही कई खिलाडी अन्दर हैं
दोनों में ही अध्यक्ष इस्तीफ़ा देने में विश्वास नहीं करते
और दोनों के ही मुखिया
मिडिया के सामने मुह नहीं खोलते हैं
पता नहीं कि क्रिकेट में राजनीति है
या फिर राजनीति में क्रिकेट है
दोनों में कितनी समानताएं हैं
दोनों ही खेल हैं
जो खिलाडी खेलते हैं
और जनता देखती है
दोनों में ही भ्रष्टाचार है
भाई भतीजावाद ही नहीं
जमाइवाद भी है
दोनों में ही
भीड़ जुटना लोकप्रियता का माप है
दोनों का ही आँखों देखा हाल -
साल भर प्रसारित होता है
दोनों में ही सिनिअर और जूनियर होते हैं
दोनों में ही विरोधी पक्ष अपील करता रहता है
दोनों ही देश के लिए समर्पित होते हैं
लेकिन मौका मिलते ही देश को लूटते हैं
दोनों में ही चुनाव में घोटाला है
दोनों में ही विदेशियों का बोलबाला है
दोनों में ही कई खिलाडी अन्दर हैं
दोनों में ही अध्यक्ष इस्तीफ़ा देने में विश्वास नहीं करते
और दोनों के ही मुखिया
मिडिया के सामने मुह नहीं खोलते हैं
पता नहीं कि क्रिकेट में राजनीति है
या फिर राजनीति में क्रिकेट है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें