Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

सोमवार, 13 अगस्त 2012

जिस देश की

जिस देश की हुकूमत यूँ बदगुमान होती है
उस देश की इज्जत लहूलुहान होती है
 
जिस देश का किसान ख़ुदकुशी  से मर रहा
उस देश की रोटी भी बेईमान होती है
 
जिस देश की सियासत पल रही जाति धरम पर 
उस देश की जनता सदा कुरबान होती है
 
जिस देश का सिपाही , हो गर महरूम  इज्जत से
उस देश की सरहद सदा सुनसान होती है
 
जिस देश का हर  आदमी अनशन पे बैठा हो
उस देश की सत्ता बनी शैतान होती है 

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