जिस देश की हुकूमत यूँ बदगुमान होती है
उस देश की इज्जत लहूलुहान होती है
जिस देश का किसान ख़ुदकुशी से मर रहा
उस देश की रोटी भी बेईमान होती है
जिस देश की सियासत पल रही जाति धरम पर
उस देश की जनता सदा कुरबान होती है
जिस देश का सिपाही , हो गर महरूम इज्जत से
उस देश की सरहद सदा सुनसान होती है
जिस देश का हर आदमी अनशन पे बैठा हो
उस देश की सत्ता बनी शैतान होती है
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