ट्रीड मिल
कभी आपने देखी है ट्रीड मिल
जी  हाँ वही दौड़ने वाली मशीन 
नहीं  नहीं वो नहीं दौड़ती 
हम  दौड़ते हैं 
दरअसल  वही दौड़ती है 
हम  नहीं 
पर  शायद नहीं 
दौड़ते  तो हम भी हैं 
और  दौड़ती वो भी है 
लेकिन  हम वहीँ के वहीँ रह जाते हैं 
क्योंकि  हम दौड़ते हैं 
मशीन  की गति के सामान 
लेकिन  उसकी विपरीत दिशा में 
हम  कोशिश करते हैं 
कि  वो हमें पीछे न ले जाएँ 
यही  तो करते हैं हम जीवन भर 
वक़्त  भागता रहता है 
निरंतर  पीछे 
हम  भागते रहते हैं निरंतर आगे 
अगर  हम सुस्त हुए 
तो  वक़्त हमें पीछे ले जाएगा 
और  अंत में नीचे गिरा देगा 
आजीवन  प्रयास करतें हैं 
वक़्त  से आगे भागने का 
इसी  प्रयास के कारण होते हैं हम जीवित 
बिना  कहीं पहुंचे हुए भी 
कहीं  थक हार कर 
हम  तो रुक जायेंगे और गिर पड़ेंगे 
लेकिन  फिर भी नहीं रुकेगी 
वक़्त की ये ट्रीड मिल  

 
 
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