मुझको कुछ सामान चाहिए
थोडा सा सामान चाहिए
मुझको दौलत नहीं चाहिए
मुझको इज्जत नहीं चाहिए
नहीं चाहिए हीरे मोती
मुझको शोहरत नहीं चाहिए
राज पाट की चाह नहीं है
ठाठ बाट की चाह नहीं है
नहीं चाहिए तोप तमंचे
मार काट की चाह नहीं हैं
मुझे पांव भर जगह चाहिए
मुझे सांस भर हवा चाहिए
मुझे चाहिए प्यार सभी का
मुझे उम्र भर दुआ चाहिए
मुझे हाथ भर काम चाहिए
थोडा सा विश्राम चाहिए
मुझे चाहिए नींद रात भर
आँख मूँद कर राम चाहिए
थोडा सा आकाश चाहिए
वर्षा का आभास चाहिए
इन्द्रधनुष का मेरा टुकड़ा
तकने का अवकाश चाहिए
मुझको मेरे ख्वाब चाहिए
अन्तर में इक आग चाहिए
मेरे आँगन की बगिया में
गेहूं नहीं गुलाब चाहिए
जीवन का कुछ अर्थ चाहिए
नहीं जिंदगी व्यर्थ चाहिए
औरों के कुछ काम आ सकूं
इतना स्वयं समर्थ चाहिए
सौदे में ईमान चाहिए
वाणी गुड की खान चाहिए
नहीं चाहिए झूठी इज्जत
मुझको स्वाभिमान चाहिए
मुझको कुछ सामान चाहिए
थोडा सा सामान चाहिए
जीवन को जीवित रखने को
इतना सा सामान चाहिए
बेहतरीन लाजवाब शानदार अभिव्यक्ति………हर इंसान की चाह्त को शब्द दे दिये। ये पक्तियां तो खास हैं---------
जवाब देंहटाएंथोडा सा आकाश चाहिए
वर्षा का आभास चाहिए
इन्द्रधनुष का मेरा टुकड़ा
तकने का अवकाश चाहिए
मुझको कुछ सामान चाहिए
थोडा सा सामान चाहिए
जीवन को जीवित रखने को
इतना सा सामान चाहिए
क्या बात है..बहुत खूब....बड़ी खूबसूरती से दिल के भावों को शब्दों में ढाला है.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना और बहुत ही चतुराई भरी रचना --------------- नहीं नहीं कहते कहते सब कुछ तो मांग लिया आपने सभी का प्यार , उम्र भर की दुआ थोडा सा आकाश , गुलाब और सबसे कीमती चीज जीवन के अर्थ और कहते हैं कुछ नहीं चाहिए वाह बहुत खूब
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