सोलह का साल बड़ा बेमिसाल था
रोज हो रहा कुछ न कुछ कमाल था !
म से जुड़े लोग - बड़े शोर में रहे
मोदी , ममता , माया, मुलायम जोर में रहे
महबूबा बन सकी न किसी की भी महबूबा
इतना उसके दिल में हर पल मलाल था
अ से बने नाम थे बस दाल दल रहे
अखिलेश, अमित, अमर सिंह चाल चल रहे
अरविन्द जंग छेड़ते रहे यूँ रोज जंग से
दिल्ली को छोड़ दूर छाने का ख़याल था
नोट बंद हो गए पांच सौ हजार के
लाले पड़े जनता के खर्चों के जुगाड़ के
बेईमान है चिल्ला रहे , ईमानदार खुश
मोदी ने लिया देशहित निर्णय विशाल था
संसद का समय मूर्खता की भेंट चढ़ गया
संसद का सत्र बिन बहस आगे को बढ़ गया
इस खेंच तान में ये साल ख़त्म हो गया
नुकसान हुआ देश का , किस को मलाल था
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