Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

सोमवार, 31 अक्टूबर 2016

Naman







नमन


रंगोली है वहां , रंगोली है यहाँ
कभी होली है वहां , कभी होली है यहाँ

बारूद है वहां , बारूद है यहाँ
बम फटते  हैं वहां , बम फटते हैं यहाँ

जुआ भी है वहां , जुआ भी है यहाँ
प्राणों का दांव वहां , पैसो का दांव यहाँ

अंतर बस इतना है , अंतर बस इतना है
सीमा पर वो खड़े , शहरों में हम पड़े

दिवाली देश में हो , दिवाली देश में है
वो वहाँ प्रतिक्षित हैं , हम यहाँ सुरक्षित हैं

[ दिवाली के अवसर पर भारत की सेना को हमारा नमन !]

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