दस सालों की कई कहानी , अब तो पूरी हो ली है
बुरा न मानो होली है !
कांग्रेस का नाम बदल कर "कौन कर ऐश " बना है अब
देश की दौलत लूट लूट कर नेता 'कैश' बना है सब
कांग्रेस ने अपनी सूरत ज्यों कालिख से धो ली है
बुरा न मानो होली है !
मनमोहन थे अर्थशास्त्री , जग में नाम कमाया तब
हो गए क्यों वो अनर्थशास्त्री , देश का नाम डुबाया अब
ख़ामोशी की चादर ओढ़े , सूरत कर ली भोली है
बुरा न मानो होली है !
सपने चकनाचूर हुए अब , बेमतलब की भक्ति थी
ऊपर से जैसी हो बातें , अंदर से सब पोली है
बुरा न मानो होली है !
लोग कहा करते थे - भैया, दूजे बापू गांधी थे
ममता के चक्कर में पड़ कर जग में बने ठिठोली है
बुरा न मानो होली है !
और केजरीवाल अचानक, उठे क्रांति की ज्वाला से
सत्ता की चाहत में बिखरे , जैसे टूटी माला से
वोट मांगते फिरते निशदिन ये फैलाये झोली है
बुरा न मानो होली है !
आरोपों के दलदल से जो, निकला बनकर नायक सा
अब दल दल हैं कोरस गाते , वो जब गाता गायक सा
अगले युग का नेता मोदी , भारत की ये बोली है
बुरा न मानो होली है !
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