विज्ञापन छपते हैं अख़बारों में
जरूरत है एक पति की
लेकिन ऐसा विज्ञापन नहीं देखा था
कि जरूरत है एक देश को
एक राष्ट्रपति की
पति का चुनाव मुश्किल होता है
कन्या को चाहिए सुन्दर सुशील प्यार करने वाला पति
पिता को चाहिये एक कमाऊ दामाद जो दहेज़ का भूखा न हो
माँ को चाहिए जो दिमाग से ठंडा हो
फिर भी मिल ही जाता है सबको पति
लेकिन राष्ट्रपति ?
कांग्रेस को चाहिए आज्ञाकारी -
देवी का पुजारी
तृणमूल को चाहिए - वो जो कांग्रेस न चाहे
समाजवादी को चाहिए - वो जिससे कांग्रेस उसको चाहे
मायावती के पास च्वायस नहीं है
करूणानिधि के पास वॉयस नहीं है
जयललिता और पटनायक को चाहिए एक आदिवासी
नितीश कुमार की तों चाल है सियासी
शरद पवार दूर की कौड़ी खेल रहें हैं
बी जे पी वाले शिवसेना को झेल रहें हैं
उधर जे डी यु के शरद यादव ऐंठे हैं
इधर रामजेठमलानी मुंह फुलाए बैठे हैं
कलाम साहब मौके की नजाकत को समझ चुके हैं
और अडवाणी जी अब संगमा की और झुके हैं
बहरहाल ये मुद्दा जारी है
इसे दिन भर दिखाना मीडिया की लाचारी है
प्रणव खुश हैं , ममता गयी है रूठ
देखें किस करवट बैठता है ऊँट