tag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post7021239202239513755..comments2023-10-07T13:29:02.173+05:30Comments on Mahendra's Blog (मेरी हिंदी कवितायेँ ): हम दिन भर कितनी बातें करते रहते हैंMahendra Arya's Hindi Poetryhttp://www.blogger.com/profile/02932120575765684553noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post-28165609323637780232010-06-18T22:46:26.707+05:302010-06-18T22:46:26.707+05:30स्वयं बात करना ही तो आज कोई नहीं चाहता है, जिस दि...स्वयं बात करना ही तो आज कोई नहीं चाहता है, जिस दिन हम स्वयं को जानने लगेंगे उस दिन से दुनिया बदलने लगेगी। आध्यात्म का अर्थ भी यही है कि स्वयं को जानो। वर्तमान में तो हम केवल मौज मस्ती की ही बातें करते हैं सामाजिक बाते तो होती ही नहीं है इस कारण मानवीय चरित्र ही सामने नहीं आ पा रहे हैं।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post-89750486551095466902010-06-18T12:57:26.659+05:302010-06-18T12:57:26.659+05:30अति सुन्दर...अति सुन्दर...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.com