Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

मंगलवार, 28 सितंबर 2010

राम भरोसे

भारत ने
ना जाने
क्यों ले ली
क्यों झेली
नयी बला
वजह बिला
ये आफत
ये सांसत
कोमनवेल्थ
बिगड़ा हेल्थ
शासन का
प्रशासन का

पहले जो
थे आगे
अब पीछे
हैं भागे
चढ़ गाडी
कलमाड़ी
धड़का दिल
एम. एस. गिल
नाक कटी
दिल्ली की
उडी हंसी
"शिल्ली" की

दुनिया में
थू थू है
दिल्ली में
बदबू है
कई करोड़
दिए मरोड़
खाया फंड
क्या दे दंड
खेलों का
क्या होगा
झमेलों का
क्या होगा

मनमोहन
सोच रहे
दाढ़ी को
नोच रहे
चिल्लाती
दुनिया है
पर खामोश
सोनिया है
उड़े सभी के
तोते है
अब सब राम-
भरोसे है

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