tag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post2987554095586148960..comments2023-10-07T13:29:02.173+05:30Comments on Mahendra's Blog (मेरी हिंदी कवितायेँ ): सैलाबMahendra Arya's Hindi Poetryhttp://www.blogger.com/profile/02932120575765684553noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post-72272582527060140922010-09-05T09:25:50.515+05:302010-09-05T09:25:50.515+05:30प्रिय महेंद्र!
विचारों की गहराई को सही शब्दों में ...प्रिय महेंद्र!<br />विचारों की गहराई को सही शब्दों में अभिव्यक्त किया है. सच पूछो तो मैं रोज़ सवेरे अपने mailbox में तुम्हारा लिखा हुआ कुछ नया पढने के लिए उत्सुक रहता हूँ. जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, वैसे-वैसे तुम्हारी रचनाओं में भी निखार आता जा रहा है. तुम किताब लिखो न लिखो मुझे मेरी रोज़ की खुराक मिल ही जाती है.<br />लगे रहो!<br />शशि मीमानीShashi Mimaninoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post-72137497240307208772010-08-28T21:17:38.252+05:302010-08-28T21:17:38.252+05:30खूबसूरत शेर ! कम से कम कोई तो है यहाँ जो दिल से अप...खूबसूरत शेर ! कम से कम कोई तो है यहाँ जो दिल से अपनी बात लिखता है , मात्र भ्रमर रुपी टिपण्णी नहीं छोडता :-) . धन्यवाद ममता , अच्छा लिखने के लिए एक अच्छा पाठक ही काफी है . मेरी पत्नी मेरी सब सी बड़ी आलोचक और प्रंशसक दोनों हुआ करती है , इसलिए लिखना निरंतर जारी रहता है . अब यहाँ तुम हौसला बढाती हो, इसलिए लिखना अच्छा लगता है .Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-570573753792296226.post-90652761447618908572010-08-28T12:57:19.205+05:302010-08-28T12:57:19.205+05:30महेंद्र जी बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती , दिल से कह...महेंद्र जी बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती , दिल से कही बात दिल तक ही पहुंचती है चलिए इक शेर सुनिए " आखों में ही रहा , उसने कभी दिल में उतर कर नहीं देखा , कश्ती के मुसाफिर ने कभी समन्दर नहीं देखा , पत्थर कहता है मुझे मेरा चाहने वाला , मैं मोम था उसने मुझे छू कर नहीं देखा -ममताmamta vyasnoreply@blogger.com