Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

गुरुवार, 16 जनवरी 2014

माँ




माँ -सबसे छोटा शब्द
लेकिन सबसे वृहद् रूप
श्रष्टि का आधार
सृजन का स्वरुप

ममता का सागर
धैर्य का सिंधु
सर्वोपरि रक्षक
सर्वप्रिय बंधु

बिना शर्त साथ
सर पर है हाथ
असीमित प्यार
निरंतर दुलार

न कोई अपेक्षा
न कोई परीक्षा
अपनी संतान
जीवन कुर्बान

बुधवार, 1 जनवरी 2014

नये साल की परिभाषा

नया सूरज , नयी किरणे
नयी खुशबू , नयी कलियाँ
नया दिन है , नयी आशा
नये  सब कुछ की  अभिलाषा

नया जीवन , नया मौसम
नए सुर है , नयी सरगम
नए नगमे , नयी नज्मे
उमंगें हैं नयी जिन में

नयी उम्मीद हैं कल की
नयी इच्छाएं पल पल की
नए कुछ स्वप्न भी होंगे
जड़े कुछ रत्न भी होंगे

उदासी दूर भागेगी
निराशा  पास ना  होगी
ग़मों की  रात खोएगी
कोई आँखें न रोयेगी

बीस तेरह को भूलेंगे
बुरा वो साल भूलेंगे
बीस चौदह जो आया है
नया इक जन्म लाया है