Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

मंगलवार, 25 जून 2013

विभीषिका और राजनीति

पृकृति का तांडव पूरे जोर पर है
विनाश अगले छोर पर है
खंड  खंड हो रहा उत्तराखंड
इश्वर दे रहा न जाने कौन सा दंड
हजारों लोग - भक्त उपासक
फंसे बाढ़ में विनाशक
पूरे देश में हाहाकार है
कितने ही घरों में चीत्कार है
सेना के जवान प्राणों की बाजी लगा कर
बचा रहे सबको खुद को फंसा कर
देश कर रहा प्रार्थना हाथ जोड़े
भाग रहें समय के घोड़े

ऐसे  में राजनीति की क्या दरकार है 
कितनी असम्वेदनशील ये सर्कार है 
कितनी डरी  हुई- मोदी नाम के व्यक्ति से
उस की जांबाजी से उसकी शक्ति से 
उसकी यात्रा नहीं चाहिए
उसकी सहायता नहीं चाहिए 
उसके हेलिकोप्टर नहीं चाहिए 
उसका कुछ भी नहीं चाहिए 
लेकिन समझती नहीं है एक बात 
कैसे बदलते हैं हालात 
जितनी बार उसको ना  बोलोगे 
उतनी बार उसका नाम तो लोगे 
जितना उसको रोकोगे 
जितना उसको टोकोगे 
उतना वो आगे बढेगा 
उतना वो ऊपर चढ़ेगा



 

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