Mahendra Arya

Mahendra Arya
The Poet

मंगलवार, 31 मई 2011

प्रिय पाठक

प्रिय पाठक


आज थोड़ी बातचीत आपसे ! मुझे बहुत ख़ुशी होती है , जब मैं ये देखता हूँ कि न केवल भारत में बल्कि दुनिया कि विभिन्न देशों में हिंदी पढने और समझने वाले मित्र हैं , जो मेरे ब्लोग्स को पसंद करते हैं और पढ़ते रहते हैं . वास्तव में आप का पढना ही मेरे लिखने का कारण और प्रेरणा है. क्या ही अच्छा होता अगर मैं आप के विचार जान पाता ! किसी रचना को पढ़ कर आप को शायद बहुत आनंद आता होगा ; किसी रचना को पढ़ कर लगता होगा कि कुछ कमी रह गयी . कभी आपके मन में ये भी आता होगा कि इस रचना को किसी और ढंग से लिखते तो अच्छा होता , कभी ये कि ये रचना ब्लॉग के लायक थी ही नहीं ! आप को जैसा भी लगता हो , अगर आप अपनी बात को हिंदी या अंग्रेजी में हर रचना के नीचे बने कमेंट्स नाम के लाइव लिंक को क्लिक कर के सामने आये हुए बॉक्स में लिखें . अपने नाम की जगह नाम लिखें . हाँ अगर इंटर नेट पर हिंदी में लिखना चाहें तो आप सहारा लें इस गूगल की इस ख़ास सेवा का जो आपको दुनिया की कितनी ही भाषाओँ में लिखने का पन्ना देती है ; लिंक ये है www .google .com /transliterate . थोड़े अभ्यास के बाद आप हिंदी में लिखना शुरू कर देंगे . जो लिखा उसे कॉपी और पेस्ट तकनीक से आप कमेन्ट बॉक्स में छाप सकते हैं . आपके कमेंट्स मुझे बहुत सहयोग देंगे . अगर आपने किसी कमेन्ट के माध्यम से कोई प्रश्न पूछा तो मैं उसका कमेंट्स के माध्यम से ही उत्तर भी दूंगा .आशा करता हूँ आप से जुड़ने का मौका मिलेगा .

आपका मित्र

महेंद्र आर्य , मुंबई , भारत

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